Thursday 30 April 2015

सॉफ्टड्रिंक्स का सेवन डायबटीज का बुलावा!“Change will not come if we wait for some other person or some other time.


" Change will not come if we wait for some other person or some other time. We are the ones we've been waiting for. We are the change that we seek. "

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार पूरी दुनिया में हर वर्ष एक लाख अस्सी हजार मौतें सॉफ्टड्रिंक्स की वजह से होती हैं, जो कि केंसर और एड्स से होने वाली कुल मौतों से भी ज्यादा है।आज विश्व के नवजवानों में डायबटीज की बीमारी बहुत तेजी से फ़ैल रही है. हर साल कम से कम एक करोड़ लोग इसके शिकार हो रहे हैं. पहले यह बीमारी इस तरह नहीं फैलती थी और इस रोग को पीढ़ीगत रोग माना जाता था. आखिर क्या कारण है कि आज डायबटीज एक महामारी से भी बड़ी बीमारी बनती जा रही है?




इसका एक मात्र कारण सॉफ्टड्रिंक्स पीने और पिलाने का चलन हो गया है. एक छोटी सी 350 मि.ली. की बाटल पीने के बाद उसके कारण हमारे शरीर के अति महत्वपूर्ण अंगो जैसे कि लीवर, किडनी और हार्ट पर क्या असर पड़ता है; आइये इसकी हम एक झलक देखते हैं –

1) 10 मिनिट में हमारे शरीर की कुल दैनिक जरूरत से ज्यादा 10 चम्मच शक्कर हमारे अंदर पहुँच जाती है. सॉफ्टड्रिंक में मौजूद फास्फोरिक एसिड इस मिठास को हमे महसूस नहीं होने देता, वर्ना हमे उल्टी हो जाती और यह शुगर बाहर निकल जाती।

2) 20 मिनिट बाद हमारा शरीर बहुत सारा इन्सुलिन तेजी से बनाता है और ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है; फिर इतनी शुगर को पचाने के लिये हमारे लीवर को ओवरलोडिंग में काम कर इस शुगर को फेट में परिवर्तित करना पड़ता है, जिससे हमारा मोटापा बढ़ने लगता है।

3) 40 मिनिट बाद सॉफ्टड्रिंक में मौजूद कैफीन शरीर में समा जाती है. इस कारण हमारी आखों की पुतलियाँ ज्यादा खुल जाती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिसके कारण ह्रदय की भी ओवरलोडिंग होने लगती है. हार्ट को और ज्यादा एनर्जी देने के लिये लीवर को बहुत ज्यादा शुगर ब्लड में पंप कर ह्रदय की तीव्र गतिशीलता बनाये रखने की कोशिश की जाती है।

4) 45 मिनिट बाद शरीर में डोपमाइन नामक केमिकल बनता है, जिससे मन को आनंद का एहसास होता है. इस तरह वह मनुष्य इस सॉफ्टड्रिंक का आदी बन जाता है. यह क्रिया ऐसी ही होती है जैसे कि हेरोइन आदि नशीली वस्तुओं को लेने के बाद होती है।

5) 60 मिनिट बाद सॉफ्टड्रिंक में मौजूद फास्फोरिक एसिड हमारे शरीर के पोषण के लिये जरूरी केल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक को हमारी आँतों में ही रोक लेता है. फिर केफीन इनसे क्रिया कर इन्हें मल-मूत्र के साथ शरीर से बाहर कर देता है. इस तरह हमारे शरीर के पोषण व विकास के लिये जरूरी केल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक बिना किसी फायदे के निष्फल हो जाते हैं।

6) इम्पीरियल कॉलेज लंदन की रिसर्च के अनुसार सॉफ्टड्रिंक की हर बोतल के साथ टाइप-2 डायबटीज का खतरा 20% ज्यादा बढ़ जाता है. इसका कारण यह है कि सॉफ्टड्रिंक में मौजूद कैरेमल नामक रसायन हमारे शरीर में इन्सुलिन बनने की प्रक्रिया को धीमे कर देता है. फिर एक दिन ऐसा आता है, जब हमारा शरीर इन्सुलिन बनाना पूरी तरह बंद कर देता है और हमें भी डायबटीज हो जाती है।

7) प्रो. निक वेअरहेम लंदन के अनुसार अब वक़्त आ गया है, जब हमें चाहिये कि सॉफ्टड्रिंक की बोतलों के प्रयोग पर भी तम्बाकू उत्पादों की तरह ही स्वास्थ्य चेतावनी रहे।

8) हमारे महानायक श्री अमिताभ बच्चन ने 24 करोड़ रुपयों में सॉफ्टड्रिंक्स का आठ साल के लिये विज्ञापन किया था. उन्हें जब एक लड़की ने बताया कि सॉफ्टड्रिंक में जहर होता है, तो फिर उन्होंने इस घटना को पेप्सी से पूरा पैसा लेने के बाद बताया जरूर, लेकिन सिर्फ 10 साल बाद. वे महानायक हैं; हमारे करोड़ो युवा उनकी कही हर बात को मानते हैं. अगर उन्हें पता चल गया था, तो उन्होंने उसी समय क्यों नहीं बताया? इस बीच डायबटीज के जो लाखों मरीज बढ़े होंगे, उनमें उनका भी कुछ योगदान है।

9) हमारे अधिकांश अन्य फ़िल्मी नायक और क्रिकेट खिलाड़ी भी इन सॉफ्टड्रिंक्स का प्रचार-प्रसार करोड़ो रूपये लेकर करते हैं. वे भी इस लोगों को बीमार बनाने के पाप में बराबर के सहभागी हैं।

10)   हमारे जीनियस अभिनेता आमिर खान “सत्यमेव-जयते” नामक तथाकथित सत्य को उजागर करने का सीरियल बनाते है और इन सॉफ्टड्रिंक्स बनाने वालों से करोड़ो रूपये लेकर प्रचार-प्रसार करते हैं।

11)   “सत्यमेव-जयते” के एक एपिसोड में उन्होंने रेप पीड़ित महिलाओं की व्यथा कथा सुनाई थी. इस व्यथा
कथा को सुनाकर उन्होंने इस एपिसोड से भी करोड़ो रुपये कमाये होंगे।

12)   हमारे देश की बेबस महिलाओं के दर्द की व्यथा-कथा से भी पैसे कमाना क्या उचित है? उन्हें चाहिये कि वे इस तरह के इन एपिसोडों से जितना भी पैसा कमायें, उसे उन्ही लोगो में बाँट दे, जिनकी पीड़ा दिखाकर वे कमा रहे हैं. क्या वे ऐसा करेंगे?

13)   इसी तरह सॉफ्टड्रिंक्स के प्रचार-प्रसार से प्राप्त राशी को भी उन्हें डायबटीज से पीड़ित लोगों में बांटना चाहिये।



" अगर हम किसी और व्यक्ति या समय का इंतज़ार करेंगे तो बदलाव नहीं आएगा . हम ही वो हैं जो इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं . हम ही वो बदलाव हैं जो हम चाहते हैं "

No comments:

Post a Comment