Friday 9 January 2015

उत्तराखंड की बेटी ने देश को दिखाई नई राह--पूजा नेगी




मुंबई में चल रहे भारतीय विज्ञान कांग्रेस में उत्तराखंड की पूजा सुर्खियों में हैं। टिहरी की पूजा द्वारा टिहरी झील पर किया गया शोध वैज्ञानिकों को बेहद पसंद आया है।

पूजा नेगी ने टिहरी झील में इकट्ठा हो रहे रेडियोधर्मी पदार्थ और उससे आस-पास पड़ रहे दुष्प्रभाव को अपने लघु शोध परियोजना के जरिए प्रस्तुत किया है। इतना ही नहीं इस परियोजना में झील में रेडियोधर्मी पदार्थों का असर कम करने के साथ लोगों को इससे बचाने के तरीके भी बताए हैं।

सोमवार को नोबल विजेता कैलाश सत्यार्थी और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी पूजा के लघु शोध की तारीफ की। राजकीय इंटर कॉलेज, धारकोट, टिहरी की दसवीं की छात्रा पूजा नेगी ने परियोजना रेडियोधर्मी विशेषज्ञ डॉ. मनबीर नेगी के मार्गदर्शन में तैयार की है।

इस पर उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकोस्ट) भी मुहर लगा चुका है। मुंबई में तीन जनवरी से शुरू हुए भारतीय विज्ञान कांग्रेस में पूजा का लघु शोध सुर्खियों में है।

डॉ. मनबीर नेगी ने बताया कि कई देशों के वैज्ञानिकों ने पूजा की परियोजना को सराहा है। सोमवार को नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी ने पूजा की तारीफ करते हुए इसके जरिए टिहरी झील का नुकसान जाना। उन्होंने टिहरी विस्थापन और पुनर्वास की भी जानकारी ली।

विज्ञान कांग्रेस का समापन सात जनवरी को होगा। पूजा मुंबई में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर रही है। उनका चयन गत वर्ष पुणे में हुई राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस से मुंबई के लिए हुआ था।

पूजा ने टिहरी झील के ऊपरी तल पर जमा हो रहे रेडियोएक्टिव पदार्थों पर शोध किया है। इसके जरिए बताया कि किस तरह एक बड़ी विद्युत परियोजना आसपास के जनजीवन के लिए बेहद खतरनाक बन चुकी है।
देश भर के 35 बाल वैज्ञानिकों के साथ पूजा को भी किशोर वैज्ञानिक पुरस्कार से नवाजा गया। इस विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसमें देशभर के वैज्ञानिकों और करीब दो हजार बाल वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया।

साथ ही संदेश देने का प्रयास किया है कि भविष्य में छोटी-छोटी परियोजनाएं भी बनाई जाएंगी तो उनसे भी ऐसे नुकसान हो सकते हैं। पूजा ने लघु शोध के जरिए पर्यावरणीय नुकसानों के प्रति आगाह भी किया है।

किशोर वैज्ञानिक पुरस्कार प्रतिभावान पूजा के लिए फायदेमंद साबित होगा। विज्ञान में पढ़ाई और शोध करने पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग(डीएसटी) की ओर से पूरा शुल्क दिया जाएगा। इसके अलावा एमबीबीएस या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने पर भी डीएसटी की ओर से छात्रवृत्ति दी जाएगी।




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